श्री साईबाबा संस्थानला M11 इलेक्ट्रिक बग्गी देणगी स्वरूपात प्राप्त
बेंगळुरू येथील साईभक्त श्री. व्यंकट सुब्रमण्यम व्यंकटकृष्णन यांच्या देणगीतून अपंग व वृद्ध साईभक्तांच्या सोयीसाठी मैनी कंपनीची M11 इलेक्ट्रिक बग्गी श्री साईबाबा संस्थानला देणगी स्वरूपात प्राप्त झाली आहे.
या नवीन वाहनाची देणगीदार साईभक्तांच्या हस्ते विधीवत पूजा करण्यात आल्यानंतर त्यांनी सदर इलेक्ट्रिक बग्गीची चावी संस्थानचे मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री. गोरक्ष गाडीलकर यांच्याकडे सुपूर्द केली. यावेळी संस्थानचे उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री. भिमराज दराडे, प्रशासकीय अधिकारी श्री. संदीपकुमार भोसले व श्री. अतुल वाघ आदी उपस्थित होते.
ही पर्यावरणपूरक इलेक्ट्रिक गाडी अपंग व वृद्ध साईभक्तांच्या सुविधेसाठी उपयुक्त ठरणार आहे.
बेंगलुरु निवासी साईभक्त श्री वेंकट सुब्रमण्यम वेंकटक्रिष्णन के दान से दिव्यांग एवं वरिष्ठ साईभक्तों की सुविधा के लिए मैनी कंपनी की M11 इलेक्ट्रिक बग्गी श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट, शिर्डी को दान स्वरूप प्राप्त हुई है।
नए वाहन की विधिवत पूजा दानकर्ता साईभक्तों के हाथों संपन्न होने के पश्चात इलेक्ट्रिक बग्गी की चाबी संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडीलकर को सौंपी गई।
इस अवसर पर संस्थान के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी भीमराव दराडे, प्रशासनिक अधिकारी संदीपकुमार भोसले तथा अतुल वाघ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
यह पर्यावरण–अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहन दिव्यांग एवं वृद्ध साईभक्तों की सुविधा के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।
An M11 electric buggy manufactured by Maini Company has been donated to the Shree Saibaba Sansthan Trust, Shirdi for the convenience of differently-abled and elderly devotees, through the generous contribution of Sai devotee Mr. Venkat Subramanyam Venkatakrishnan from Bengaluru.
Following a traditional ceremonial worship of the newly donated vehicle, the donor formally handed over the key of the electric buggy to the Sansthan’s Chief Executive Officer, Goraksh Gadilkar.
The occasion was attended by Deputy Chief Executive Officer Bhimrao Darade, Administrative Officer Sandipkumar Bhosale, Mr. Atul Wagh, along with other officials.
This eco-friendly electric vehicle will significantly enhance mobility and comfort for elderly and differently-abled Sai devotees.